Priya Vinod Kharband, Ms (2012) नर्सिंग विद्यालयों के तनाव का लेखा-जोखा. Other thesis, Annamalai University and Brahma Kumaris.
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2941101331 Priya Vinod.pdf
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Abstract
मानमसक िनाि शारीररक बबमाररयो को तनमंत्रि र्देिा िै | मानमसक रूप से स्िस्थ व्यडि अपने मजस्िष्क को िर पररजस्थति में संिुिन रख सकिा िै | विियम सी मेतनगर, अध्यक्ष मेतनगर फाउन्र्देशन टोपेका कनसास (यू.एस.ए) ने व्यककि के मानमसक स ्िास्थय जांच करने के मिए कुछ प्रश्न इस शोध के र्दौरान नमसिंग विद्यारीथीयो से पूछे गय िै | पढाई करिे िुय या कोई अभ्यास करनेके र्दौरान अगर िम्बे समय िक अगर कोई व्यककि िनाि से मुडि िोने में असफि रििा िै या र्दबाि ज्नयार्दा र्दबाि अनुभि करिा िै िो उसे सुक्षम िरि से शारीररक ि मानमसक बीमाररयों का सामना करना पड़िा िै | उसे िि स्ियः ठीक से तनिाय निीं िे पािा िै|और असाविधानी पूरक काया कर गल्िीयां करिा िै | पररभाषा- िेखा पररक्षि की पररभाषा र्दो िै| शोध वप्रविध ि प्रक्रम यातन विधध जजसमे िम समझिे िै कक िनाि के कारि क्या िै ? िनाि के मिए प्रतिकक्रया या अनुकूिनीय क्या िै उसके सम्भाविि िनाि प्रबंध तनपुििा को पिचानना एिं ऐसी पररजस्थति में या र्दशा में कौन से प्रबंध ईस्िैमाि करना िै | कौन से प्रबंध ईस्िैमाि करना िै ? ये सब िनाि के सुत्र या स्त्रोि िै उर्दािरि िनाि का मूि कारि या स्त्रोि िै करीअर (पेशे में प्रगति) पेशा (व्यिसाय), काया भूममका, संगठन की रचना, आपसी ररश्िे और अभ्यास क्रम से सफििा प्राि करना | व ्यडि में िनाि के स्त्रोि की प्रतिकक्रया मौजूर्द िै एंि सम्भाविि िनाि के कारि एंि साधन पिचानना | सम्भाविि समाधनात्मक काया ढूढना | मानमसक िनाि अन्िःस्त्रािी ग्रंधथयों के काया में विघ्न डाििा िै | अन्िःस्त्रािी ग्रंधथयों अथााि एसी नमिका वििीन ग्रंधथया जो अपना स्त्राि सीधे िी रक्ि में डाििी िै | जैसे कक थाइराइड वपट्यूटरी एड्रीनि इत्याहर्द | ये अन्ि स्त्राि शरीर के जैंि रासायतनक कक्रयाओं में मर्दर्द करिे िैं एंि शारीररक विकास और शारीर के कोषों के विमभन्न स्त्राि पैर्दा करने में उपयोगी िोिे िै | कोई अंिस्त्राि मसफा स्थानीय रूप से आसपास के थोड़े कोषों पर िी अपना प्रभाि डाििा िै | --- िायपो्ल्मस सभी अन्िस्त्रािी ग्राधथयों का संचािक िै | वपटुइटरी के अन्िस्त्राि भी ्पोथपोथाल्म्स द्वारा तनयंबत्रि िोिे िैं जो कक व्यडि कक मानमसक जस्िधथ से प्रभाविि् िोिा िै | मानमसक िनाि सीधा ्पोथपो्िमस पर प्रभाि डाििा िै | ऐसे ्पोथपोथािाममक रसायन स्त्रविि् करािा िै जो वपट्युटरी ग्रधथ का अन्ि् स्त्राि कम या ज्नयार्दा कर र्देिा िै, जजसके कारि सभी अन्ि स्त्रािी ग्रंधथयों पैर भी प्रभाि पड़िा िै | इसी िरि शारीर के विमभन्न भागों पर भी प्रभाि पड़िा िै |अगर ये ज्नयार्दा समय िक चििा िै िो शारीररक एंि मानमसक रोग उत्पन िोिे िैं | इस िरि एक विष चक्र तनममाि िो जािा िै | मानमसक िनाि अन्ि् स्त्राि से सम्बंधधि कई रोग पैर्दा िोिे िैं – जैसे कक डायबीटीज़, थायोराइड एंि एडरीनि ग्रन्थी का कम या ज्नयार्दा काया करना आहर्द | अन्ि् स्त्रािी ग्रंधथयो के काया के विघन पड़ने से पेजप्टक अल्सर, संक्रममक रोग , ब्िडपेशुर एंि कैंसर िक िो सकिा िै , इसमिए िर व्यडि अपने को ठीक रखने के मिए िनाि से मुि रिे | इसी िरि मसम्पठेतिक निास मसस्टम (अनुकम्पी चेिा प्रिािी एंि परामसम्पेथेहटक निास मसस्टम (परानुकम्पी चेिना प्रिािी के उिेजजि िोने पर तनम्न प्रभाि पड़िा िै | - - - - - - - ह ् रर्दय की गति िेज िोजािी िै जजससे हर्दि की धड़कन बढ़ जािी िै | रिचाप बढ़ जािा िै | पसीना ज्नयार्दा आिा िै | चयापचय की कक्रया बढ़ जािी िै | मधुमेि िो जािा िै | र ् दमा िो जािा िै | डायररया िो जािा िै | इत्याहर्द | इसमिए आिश्यक िै कक स्िास््य बनाये रखने के मिए इन र्दोनों प्रकार के चेिा िंत्र में काया सन्िुिन बना रिे | िनाि के कारि रोग प्रतिकारक शडि में कमी िो जािी िै | जजस से िातनकारक ककटािुओ का आसानी से मशकार बन जािा िै | तनराशा धचंिा एंि मानमसक र्दबाि अनेक कीटािु जन्य रोग जोकक िायरस बैक्टेररया आहर्द से िोिे िै , उन्िे तनमंत्रि र्देिे िै | विमभन्न िनािों के कारि व्यडि की िम्बाकू एंि नशीिे पर्दाथो का भी व्यसन िग जािा िै | िनाि िेखा परीक्षि के फायर्दे – िनाि जैसे भारी विषय पर स्पष्ट खुिासा कर विद्याधथायों एंि कमाचाररयों के कीतिा को यश र्दे सकिे िै| इससे िे विवर ास के साथ िनाि के कारि किने के मिए प्रोत्साहिि िो सकिे िैं | इसे क्यों मुि िोना चाहिए ये समझ सकिे िैं | िंबे समय के स्िास््य एंि पठ्याक्र्म, सम्पार्दन में कमीपिा पिचान िेिे िैं और उसका प्रबंध एंि उपचार कर सकिे िैं | िनाि मुि और प्रबंध करने का िक्ष्य कर ,िनाि र्दूर करने कक मांग को पूरा कर ,और व्यथा एनजी गिाने से बच जायेंगे | इससे बेमसल्सेिार वििार्दों को टाि सकिे िैं | संगठन एंि विद्याथायो और कमाचारी आपस में ममिझुि के रिेंगें | सकाराजत्मक सोच एंि काया से सब की काया क्षमिा बढ़ेगी | पररििान के मिए ित्पर रिेंगे | अपयािा खचा एंि पयााि योजनाएं तनजिि कर सकिे िैं | संभाविि् पररिाम र्दूर कर सकिे िैं |
Item Type: | Thesis (Other) |
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Subjects: | K PGDiploma > Value Education and Spirituality |
Divisions: | PGDiploma |
Depositing User: | Unnamed user with email vrsaranyaa88@gmail.com |
Date Deposited: | 14 Aug 2025 10:36 |
Last Modified: | 14 Aug 2025 10:36 |
URI: | https://ir.bkapp.org/id/eprint/262 |